Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam/Bharat : Hamein Kya Sikha Sakta Hai?/B. R. Ambedkar : Bhartiya Waltair Evam Marx/Dalit-Vimarsh Aur Hindi Sahitya

From ₹157.50 Regular Price ₹175.00

To ₹571.50 Regular Price ₹635.00

Out of stock

SKU
Book Fair Combo-10
More Information
Language English
Format Paper Back
Pages 897p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Write Your Own Review
You're reviewing:Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam/Bharat : Hamein Kya Sikha Sakta Hai?/B. R. Ambedkar : Bhartiya Waltair Evam Marx/Dalit-Vimarsh Aur Hindi Sahitya
Your Rating
Nandkishore Acharya

Author: Nandkishore Acharya

नन्दकिशोर आचार्य

31 अगस्त, 1945 को बीकानेर में जन्मे नन्दकिशोर आचार्य विविध विधाओं में अपनी सृजनात्मकता के लिए ‘साहित्‍य अकादेमी पुरस्‍कार’, ‘मीरा पुरस्कार’, ‘बिहारी पुरस्कार’, ‘राजस्थान संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार’, ‘भुवनेश्वर पुरस्कार’, ‘नरेश मेहता स्मृति सम्मान’, ‘सुब्रह्मण्यम् भारती पुरस्कार’, ‘केन्द्रीय संगीत-नाटक अकादेमी पुरस्कार’, ‘महाराणा कुम्भा पुरस्कार’ तथा ‘भुवालका जनकल्याण ट्रस्ट’ द्वारा सम्मानित हुए हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी वि.वि., वर्धा तथा प्राकृत भारती अकादेमी में अतिथि लेखक रहने के अलावा आईआईआईटी, हैदराबाद में प्रोफ़ेसर ऑफ़ एमिनेंस के रूप में भी कार्य किया है।

अज्ञेय द्वारा सम्पादित 'चौथा सप्तक’ के कवि नन्दकिशोर आचार्य के अब तक बारह कविता-संग्रह, आठ नाटक, सात साहित्यिक आलोचना की पुस्तकें एवं संस्कृति, शिक्षा, राजनीतिक-आर्थिक चिन्तन, मानवाधिकार एवं गाँधी दर्शन पर केन्द्रित बारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अज्ञेय, निर्मल वर्मा, उर्दू कवियों एवं अन्य कई लेखकों की संचयिताओं-चयनिकाओं के सम्पादन के अतिरिक्त उन्होंने 'अहिंसा विश्वकोश’ का सम्पादन भी किया है जिसे अहिंसा-दर्शन के क्षेत्र में एक अप्रतिम योगदान माना गया है। कई राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों में रचना-पाठ एवं व्याख्यान के लिए आमंत्रित आचार्य इंग्लैंड, चीन, इंडोनेशिया, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका तथा नेपाल की साहित्यिक-शैक्षणिक यात्राएँ कर चुके हैं। उन्होंने रियोकान, जोसेफ़ ब्रादस्की, लोर्का, अर्नाल्ड वेस्कर तथा एम.एन. रॉय के लेखन के अतिरिक्त कई आधुनिक अरबी तथा यूरोपीय लेखकों की रचनाओं के अनुवाद भी किए हैं।

Read More
Books by this Author
Back to Top