Born: February 11, 1953
इस पीढ़ी के उल्लेखनीय कवि और कथाकार।
प्रकाशित कृतियाँ:
कहानी-संग्रह: एक चेहरा पिता (1989), खुली हुई नाव (1994), चौथा शेर (1997)।
उपन्यास: अकेले-अकेले साथ (2000), एकदा (2000)।
कविता संग्रह: निमैली घूप (1983), पानी बनने की जिद में (1992), दिल्ली एक मेरी भी (1998)।
यात्रा-वृत्तान्त: संस्कृति, पर्यावरण और पर्यटन (1996), सूरजकुंड से पाताल लोक तक (2001)।
इनके अतिरिक्त एक दर्जन से अधिक पत्रकारिता, सूचना प्रौद्योगिकी तथा साहित्य-समीक्षा विषयक पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार एवं सम्मान: श्रेष्ठ लेखन के लिए भारत सरकार के पर्यटन मन्त्रालय की ओर से दो बार ‘राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’, प्रकाशन-विभाग, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय की ओर से ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार’, उ.प्र. हिन्दी संस्थान की ओर से - ‘श्यामसुन्दर दास नामित पुरस्कार’ (दो बार) तथा ‘बाबूराव विष्णु पराड़कर नामित पुरस्कार’ तथा अन्य कई पुरस्कार एवं सम्मान। उ. प्र. हिन्दी संस्थान की ओर से ही प्रथम ‘विश्वविद्यालय स्तरीय पुरस्कार’ सम्मान (2003)।
विदेश यात्राएँ: मॉरीशस, लन्दन, अमेरिका, फ्रांस, ट्रिनिडाड-टुबैगो (वेस्टइंडीज) आदि।
सम्प्रति: हेमवतीनन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर में 25 वर्ष तक अध्यापन। वहाँ हिन्दी के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष रहे। वर्तमान में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कला संकाय तथा क. मुं. हिन्दी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ में हिन्दी साहित्य के प्रोफेसर।
सम्पर्क: पी-1, गोपाल कुंज, बागमुजफ्फर खाँ, आगरा-282 002 (उ.प्र.)।